Thursday 29 January 2015

Kosis kr k dekhiye....

🎯🎯 भगवद गीता में कुल 114 श्लोक हैं ,
😷उसमें से आपके जन्म वर्ष घटाकर देखाेगे ताे....
👤आपकी उम्र का पता लगेगा ......👇

Example:
Bhagvad Gita Shlok  - 114
Birth year                     -  93
                                ----------------
Current age                     21

📣📣 अजीब है ना ..... !!!

Please try everyone....its fantastic....
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

Thursday 22 January 2015

अपनी सोच

"ज़िन्दगी में खुद को कभी
किसी इंसान का आदी मत बनाना.....

…क्यूंकि इंसान बहुत खुदगर्ज है...

जब आपको पसंद करता है।
आपकी बुराई भूल जाता है.....

और जब आपसे नफरत करता है।
तो आपकी अच्छाई भूल जाता है...

"हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये..
जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं, मेरी बुराई ना सुन सके...."

आग लगी थी मेरे घर को,
किसी सच्चे दोस्त ने पूछा,
"क्या बचा है ?"
मैने कहा,
"मैं बच गया हूँ."
उसने हँस कर कहा,
"फिर जला ही क्या है.."
ज़िन्दगी मे जो भी हासिल करना हो...
          उसे वक्त पर हासिल करो.....
                 क्योंकि.....
           ज़िन्दगी मौके कम
                    और.....
             धोखे ज्यादा देती है..।

Wednesday 21 January 2015

कुछ ज्ञान की बात जो बाटने से बढ़ता है। अपनी राय दे और सेयर भी करे।

एक प्रोफ़ेसर कक्षा में आये और उन्होंने छात्रों से कहा कि वे
आज जीवन का एक महत्वपूर्ण पाठ पढाने वाले हैं ...

उन्होंने अपने साथ लाई एक काँच की बडी़ बरनी ( जार ) टेबल पर रखा और उसमें
टेबल टेनिस की गेंदें डालने लगे और तब तक डालते रहे जब तक कि उसमें एक भी गेंद समाने की जगह नहीं बची ...
उन्होंने छात्रों से पूछा - क्या बरनी पूरी भर गई ? हाँ ...
आवाज आई ...
फ़िर प्रोफ़ेसर साहब ने छोटे - छोटे कंकर उसमें भरने शुरु किये h धीरे - धीरे बरनी को हिलाया तो काफ़ी सारे कंकर उसमें जहाँ जगह खाली थी , समा गये ,
फ़िर से प्रोफ़ेसर साहब ने पूछा , क्या अब बरनी भर गई है , छात्रों ने एक बार फ़िर हाँ ... कहा
अब प्रोफ़ेसर साहब ने रेत की थैली से हौले - हौले उस बरनी में रेत डालना शुरु किया , वह रेत भी उस जार में जहाँ संभव था बैठ गई , अब छात्र अपनी नादानी पर हँसे ...
फ़िर प्रोफ़ेसर साहब ने पूछा , क्यों अब तो यह बरनी पूरी भर गई ना ? हाँ
.. अब तो पूरी भर गई है .. सभी ने एक स्वर में कहा ..

सर ने टेबल के नीचे से
चाय के दो कप निकालकर उसमें की चाय जार में डाली , चाय भी रेत के बीच स्थित
थोडी़ सी जगह में सोख ली गई ...

प्रोफ़ेसर साहब ने गंभीर आवाज में समझाना शुरु किया

इस काँच की बरनी को तुम लोग अपना जीवन समझो ....

टेबल टेनिस की गेंदें सबसे महत्वपूर्ण भाग अर्थात भगवान , परिवार , बच्चे , मित्र , स्वास्थ्य और शौक हैं ,

छोटे कंकर मतलब तुम्हारी नौकरी , कार , बडा़ मकान आदि हैं , और

रेत का मतलब और भी छोटी - छोटी बेकार सी बातें , मनमुटाव , झगडे़ है ..

अब यदि तुमने काँच की बरनी में सबसे पहले रेत भरी होती तो टेबल टेनिस की गेंदों और कंकरों के लिये जगह ही नहीं बचती , या
कंकर भर दिये होते तो गेंदें नहीं भर पाते , रेत जरूर आ सकती थी ...
ठीक यही बात जीवन पर लागू होती है ...

यदि तुम छोटी - छोटी बातों के पीछे पडे़ रहोगे
और अपनी ऊर्जा उसमें नष्ट करोगे तो तुम्हारे पास मुख्य बातों के लिये अधिक समय
नहीं रहेगा ...

मन के सुख के लिये क्या जरूरी है ये तुम्हें तय करना है । अपने
बच्चों के साथ खेलो , बगीचे में पानी डालो , सुबह पत्नी के साथ घूमने निकल जाओ ,
घर के बेकार सामान को बाहर निकाल फ़ेंको , मेडिकल चेक - अप करवाओ ...
टेबल टेनिस गेंदों की फ़िक्र पहले करो , वही महत्वपूर्ण है ... पहले तय करो कि क्या जरूरी है
... बाकी सब तो रेत है ..
छात्र बडे़ ध्यान से सुन रहे थे ..

अचानक एक ने पूछा , सर लेकिन आपने यह नहीं बताया
कि " चाय के दो कप " क्या हैं ?

प्रोफ़ेसर मुस्कुराये , बोले .. मैं सोच ही रहा था कि अभी तक ये सवाल किसी ने क्यों नहीं किया ...
इसका उत्तर यह है कि , जीवन हमें कितना ही परिपूर्ण और संतुष्ट लगे , लेकिन
अपने खास मित्र के साथ दो कप चाय पीने की जगह हमेशा होनी चाहिये ।

( अपने खास मित्रों और निकट के व्यक्तियों को यह विचार तत्काल बाँट दो )

Tuesday 20 January 2015

16 संस्कारो का वर्णन

वैदिक कर्मकाण्ड के सोलह संस्कार
वैदिक कर्मकाण्ड के अनुसार निम्न सोलह संस्कार होते हैं:
1. गर्भाधान संस्कारः उत्तम सन्तान की प्राप्ति के लिये प्रथम
संस्कार।
2. पुंसवन संस्कारः गर्भस्थ शिशु के बौद्धि एवं मानसिक विकास
हेतु गर्भाधान के पश्चात दूसरे या तीसरे महीने किया जाने
वाला द्वितीय संस्कार।
3. सीमन्तोन्नयन संस्कारः माता को प्रसन्नचित्त रखने के लिये,
ताकि गर्भस्थ शिशु सौभाग्य सम्पन्न हो पाये, गर्भाधान के
पश्चात् आठवें माह में किया जाने वाला तृतीय संस्कार।
4. जातकर्म संस्कारः नवजात शिशु के बुद्धिमान, बलवान, स्वस्थ
एवं दीर्घजीवी होने की कामना हेतु किया जाने वाला चतुर्थ
संस्कार।
5. नामकरण संस्कारः नवजात शिशु को उचित नामप्रदान करने
हेतु जन्म के ग्यारह दिन पश्चात् किया जाने वाला पंचम संस्कार।
6. निष्क्रमण संस्कारः शिशु के दीर्घकाल तक धर्म और
मर्यादा की रक्षा करते हुए इस लोक का भोग करने
की कामना के लिये जन्म के तीन माह पश्चात् चौथे माह में
किया जाने वला षष्ठम संस्कार।
7. अन्नप्राशन संस्कारः शिशु को माता के दूध के साथ अन्न
को भोजन के रूप में प्रदानकिया जाने वाला जन्म केपश्चात् छठवें
माह में किया जाने वालासप्तम संस्कार।
8. चूड़ाकर्म (मुण्डन) संस्कारः शिशु के बौद्धिक, मानसिक एवं
शारीरिक विकास की कामना से जन्म के पश्चात् पहले, तीसरे
अथवा पाँचवे वर्ष में किया जाने वाला अष्टम संस्कार।
9. विद्यारम्भ संस्कारः जातक को उत्तमोत्तम विद्या प्रदान के
की कामना से किया जाने वाला नवम संस्कार।
10. कर्णवेध संस्कारः जातक की शारीरिक व्याधियों से
रक्षा की कामना से किया जाने वाला दशम संस्कार।
11. यज्ञोपवीत (उपनयन) संस्कारः जातक की दीर्घायु
की कामना से किया जाने वाला एकादश संस्कार।
12. वेदारम्भ संस्कारः जातक के ज्ञानवर्धन की कामना से
किया जाने वाला द्वादश संस्कार।
13. केशान्त संस्कारः गुरुकुल से विदा लेने के पूर्व किया जाने
वाला त्रयोदश संस्कार।
14. समावर्तन संस्कारः गृहस्थाश्रम में प्रवेश करने की कामना से
किया जाने वाला चतुर्दश संस्कार।
15. पाणिग्रहण संस्कारःपति-पत् नी को परिणय-सूत्र में बाँधने
वाला पंचदश संस्कार।
16. अन्त्येष्टि संस्कारः मृत्योपरान्त किया जाने वाला षष्ठदश
संस्कार।

जीवन के कुछ वशुल

जिंदगी में दो चीज़ें हमेशा टूटने के लिए ही होती हैं:
"सांस और साथ"
सांस टूटने से तो इंसान 1 ही बार मरता है;
पर किसी का साथ टूटने से इंसान पल-पल मरता है।

जीवन का सबसे बड़ा अपराध -
किसी की आँख में आंसू आपकी वजह से होना।
और
जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि -
किसी की आँख में आंसू आपके लिए होना।

जरुरत के मुताबिक जिंदगी जिओ - ख्वाहिशों के मुताबिक नहीं।
क्योंकि जरुरत तो फकीरों की भी पूरी हो जाती है;
और ख्वाहिशें बादशाहों की भी अधूरी रह जाती है।

मनुष्य सुबह से शाम तक काम करके उतना नहीं थकता;
जितना क्रोध और चिंता से एक क्षण में थक जाता है।

दुनिया में कोई भी चीज़ अपने आपके लिए नहीं बनी है।
जैसे:
दरिया - खुद अपना पानी नहीं पीता।
पेड़ - खुद अपना फल नहीं खाते।
सूरज - अपने लिए हररात नहीं देता।
फूल - अपनी खुशबु अपने लिए नहीं बिखेरते।
मालूम है क्यों?
क्योंकि दूसरों के लिए ही जीना ही असली जिंदगी है।

मांगो तो अपने रब से मांगो;
जो दे तो रहमत और न दे तो किस्मत;
लेकिन दुनिया से हरगिज़ मत माँगना;
क्योंकि दे तो एहसान और न दे तो शर्मिंदगी।

कभी भी 'कामयाबी' को दिमाग और 'नकामी' को दिल में जगह
नहीं देनी चाहिए।
क्योंकि,
कामयाबी दिमाग में घमंड और नकामी दिल में
मायूसी पैदा करती है।

कौन देता है उम्र भर का सहारा।
लोग तो जनाज़े में भी कंधे बदलते रहते हैं।

♻ सुखी जीवन के ६ मन्त्र ♻

1 अगर 'पूजा' कर रहे हो - तो 'विश्वास' करना सीखो !

2 'बोलने' से पहले - 'सुनना' सीखो !

3 अगर 'खर्च' करना है - तो 'कमाना' सीखो !

4 अगर 'लिखना' है - तो 'सोचना' सीखो !

5 'हार' मानने से पहले - फिर से 'कोशिश' करना सीखो !

6'मरने' से पहले - खुल के 'जीना' सीखो !

भारत का नाम भारत कैसे पड़ा आइये जानते है।

इस पृष्ठ का ध्यान रखें

चंद्रवंश एक प्रमुख प्राचीन भारतीय क्षत्रियकुल।

आनुश्रुतिक साहित्य से ज्ञात होता है। कि आर्यों के प्रथम शासक (राजा) वैवस्वत मनु हुए। उनके नौ पुत्रों से सूर्यवंशी क्षत्रियों का प्रारंभ हुआ। मनु की एक कन्या भी थी - इला। उसका विवाह बुध से हुआ जो चंद्रमा का पुत्र था। उनसे पुरुरवस्‌ की उत्पत्ति हुई, जो ऐल कहलाया और चंद्रवंशियों का प्रथम शासक हुआ। उसकी राजधानी प्रतिष्ठान थी, जहाँ आज प्रयाग के निकट झूँसी बसी है। पुरुरवा के छ: पुत्रों में आयु और अमावसु अत्यंत प्रसिद्ध हुए। आयु प्रतिष्ठान का शासक हुआ और अमावसु ने कान्यकुब्ज में एक नए राजवंश की स्थापना की। कान्यकुब्ज के राजाओं में जह्वु प्रसिद्ध हुए जिनके नाम पर गंगा का नाम जाह्नवी पड़ा। आगे चलकर विश्वरथ अथवा विश्वामित्र भी प्रसिद्ध हुए, जो पौरोहित्य प्रतियोगिता में कोसल के पुरोहित वसिष्ठ के संघर्ष में आए। आयु के बाद उसका जेठा पुत्र नहुष प्रतिष्ठान का शासक हुआ। उसके छोटे भाई क्षत्रवृद्ध ने काशी में एक राज्य की स्थापना की। नहुष के छह पुत्रों में यति और ययाति सर्वमुख्य हुए। यति संन्यासी हो गया और ययाति को राजगद्दी मिली। ययाति शक्तिशाली और विजेता सम्राट् हुआ तथा अनेक आनुश्रुतिक कथाओं का नायक भी। उसके पाँच पुत्र हुए - यदु, तुर्वसु, द्रुह्यु, अनु और पुरु। इन पाँचों ने अपने अपने वंश चलाए और उनके वंशजों ने दूर दूर तक विजय कीं। आगे चलकर ये ही वंश यादव, तुर्वसु, द्रुह्यु, आनव और पौरव कहलाए। ऋग्वेद में इन्हीं को पंचकृष्टय: कहा गया है। यादवों की एक शाखा हैहय नाम से प्रसिद्ध हुई और दक्षिणापथ में नर्मदा के किनारे जा बसी। माहिष्मती हैहयों की राजधानी थी और कार्तवीर्य अर्जुन उनका सर्वशक्तिमान्‌ और विजेता राजा हुआ। तुर्वसुके वंशजों ने पहले तो दक्षिण पूर्व के प्रदेशों को अधीनस्थ किया, परंतु बाद में वे पश्चिमोत्तर चले गए। द्रुह्युओं ने सिंध के किनारों पर कब्जा कर लिया और उनके राजा गांधार के नाम पर प्रदेश का नाम गांधार पड़ा। आनवों की एक शाखा पूर्वी पंजाब और दूसरी पूर्वी बिहार में बसी। पंजाब के आनव कुल में उशीनर और शिवि नामक प्रसिद्ध राजा हुए। पौरवों ने मध्यदेश में अनेक राज्य स्थापित किए और गंगा-यमुना-दोआब पर शासन करनेवाला दुष्यंत नामक राजा उनमें मुख्य हुआ। शकुंतला से उसे भरत नामक मेधावी पुत्र उत्पन्न हुआ। उसने दिग्विजय द्वारा एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की और संभवत: गए देश को भारतवर्ष नाम दिया। आगे चल कर भरत हो गया था। भरत (चक्रवर्ती)राजा बान गया था।

Saturday 17 January 2015

वीर सहीदो के नाम

पंथ कठिन है माना मैनॆ, मंज़िल ज्यादा दूर नहीं है ॥
करधन-कंगन मॆं खॊया रहना, मुझकॊ मंज़ूर नहीं है ॥
यॆ बिंदिया पायल झुमका, बॊलॊ बदलाव करॆंगॆ क्या ॥
कजरा रॆ, कजरा रॆ कॆ गानॆ, मां कॆ घाव भरॆंगॆ क्या ॥
अमर शहीदॊं का शॊणित, धिक्कार रहा है पौरुष कॊ ॥
वह धॊखॆबाज़ पड़ॊसी दॆखॊ,ललकार रहा है पौरुष कॊ ॥

श्रृँगार-गीत हॊं तुम्हॆं मुबारक, मॆरी कलम कॊ अंगार चाहियॆ ॥
भारत की रक्षा हित फ़िर सॆ, अब भगतसिंह सरदार चाहियॆ ॥

सब कुछ लुटा दिया, क्या उनकॊ घर-द्वार नहीं था ॥
भूल गयॆ नातॆ-रिश्तॆ, क्या उनकॊ परिवार नहीं था ॥
क्या राखी कॆ धागॆ का, उन पर अधिकार नहीं था ॥
क्या बूढ़ी माँ की आँखॊं मॆं, बॆटॊं कॊ प्यार नहीं था ॥
आज़ादी की खातिर लड़तॆ, वह सूली पर झूल गयॆ ॥
आज़ाद दॆश कॆ वासी, बलिदान उन्ही का भूल गयॆ ॥

उन अमर शहीदॊं कॊ पूरा-पूरा, संवैधानिक अधिकार चाहियॆ ॥
भारत की रक्षा हित फ़िर सॆ, अब भगतसिंह सरदार चाहियॆ ॥

बीत गईं जॊ काली-काली, अंधियारी रातॊं कॊ छॊड़ॊ ॥
घर कॆ गद्दारॊं सॆ निपटॊ,बाहर वाली बातॊं कॊ छॊड़ॊ ॥
बलिदानी अमर शहीदॊं पर,गर्व करॊ तुम नाज़ करॊ ॥
युवा-शक्ति आगॆ आऒ,जन-क्रान्ति का आगाज़ करॊ ॥
सारी दुनिया मॆं अपनॆ, भारत कॊ तुम सरताज करॊ ॥
गॊरॆ अंग्रॆज नहीं है इन, कालॆ अंग्रॆजॊं पर राज करॊ ॥

बहुत लुटॆ हैं हम सब, अब तॊ शॊषण का प्रतिकार चाहियॆ ॥
भारत की रक्षा हित फ़िर सॆ,अब भगतसिंह सरदार चाहियॆ ॥

जाति, धर्म, भाषा कॆ झगड़ॆ, छॊड़ॊ इनसॆ दॆश बड़ा है ॥
कर्ज उतारॊ भारत माँ का, वह सब कॆ शीश चढ़ा है ॥
कर्म करॊ कुछ ऎसा यॆ, इतिहास तुम्हॆं भी याद करॆ ॥
भारत भूमि तुमकॊ पानॆ की, ईश्वर सॆ फ़रियाद करॆ ॥
भारत माँ कॆ सपूत तुम, सीमाऒं कॆ पहरॆदार तुम्ही ॥
पृथ्वीराज कॆ शब्द-बॆध, राणाप्रताप की हुंकार तुम्ही ॥

हर नौजवान कॆ हाँथॊं मॆं अब, कलम और तलवार चाहियॆ ॥
भारत की रक्षा हित फ़िर सॆ,अब भगतसिंह सरदार चाहियॆ ॥

( वीर रस के कवि-राज बुन्दॆली जी की कविता )

दिमाग लगाओ और कॉमेंट दो।।।

👊 चैलेंज - दिमाग लगाईये 👊

अगर आप होशियार हैं तो आप इस केस को सुलझाऐं

अगर नही तो सॉरी लिख दें

एक आदमी का कत्ल 30 नवम्बर 2014
को दोपहर 3 बजे हुआ

उसकी बीवी ने पुलिस को बुलाया

पुलिस सब से सवाल पूछने लगी कि घटना के समय तुम सब कहाँ थे ?

एक एक कर सबने उत्तर दिया

बीवी -: सर मैं उस वक्त सो रही थी
जिस वक्त कत्ल हुआ

रसोइया -: मैं खाना बना रहा था

माली -: मैं फूलों में पानी दे रहा था

नौकर -: मैं बैंक गया हुआ था

बच्चे -: हम खेलने गऐ थे

पड़ोसी -: हम दूसरे शहर गऐ हुऐ थे

पुलिस ने फौरन कातिल को पकड़ लिया

उत्तर इसी पोस्ट में है

मैं आपके जवाब का इंतजार कर रहा हूँ

SAWAL ME HI JAWAB HAI

Dhyan se padhe

Saturday 10 January 2015

Kuchh bachpan ki yaade

मेरी एक छोटी सी सोच अब आप का क्या सोचना है। अपनी राय दीजिये।।।

जब मैं छोटा था, शायद दुनिया बहुत बड़ी हुआ करती थी..
मुझे याद है मेरे घर से "स्कूल" तक का वो रास्ता,
क्या क्या नहीं था वहां, चाट के ठेले, जलेबी की दुकान, बर्फ के गोले सब कुछ, पर अब वहां
"मोबाइल शॉप","विडियो पार्लर" हैं, फिर भी सब सूना है..
शायद अब दुनिया सिमट रही है...
.
.

जब मैं छोटा था, शायद शामें बहुत लम्बी हुआ करती थीं...
मैं हाथ में पतंग की डोर पकड़े घंटों उड़ाया करता था,
वो लम्बी "साइकिल रेस" वो बचपन के खेल, वो हर शाम थक के चूर हो जाना, पर अब शाम नहीं होती, दिन ढलता है और सीधे रात हो जाती है.
शायद वक्त सिमट रहा है..
.
.

जब मैं छोटा था शायद दोस्ती बहुत गहरी हुआ करती थी..
दिन भर वो हुजूम बनाकर खेलना, वो दोस्तों के घर का खाना, वो साथ रोना, पर अब भी मेरे कई दोस्त हैं, पर दोस्ती जाने कहाँ है,
जब भी "traffic signal" पर मिलते हैं "Hi,Hello" हो जाती है, और अपने अपने रास्ते चल देते हैं।
होली, दीवाली, जन्मदिन, नए साल पर बस SMS आ जाते हैं, शायद अब रिश्ते बदल रहें हैं..
.
.

जब मैं छोटा था, तब खेल भी अजीब हुआ करते थे।
जैसे छुपन छुपाई, लंगडी टांग, पोषम पा, टिप्पी टीपी टाप टाप, पर अब "internet, office" से फुर्सत ही नहीं मिलती..
शायद ज़िन्दगी बदल रही है..
.
.

जिंदगी का सबसे बड़ा सच यही है..
जो अकसर क़ब्रिस्तान के बाहर बोर्ड पर लिखा होता है...
"मंजिल तो यही थी,
     बस
          जिंदगी गुज़र गयी मेरी यहाँ आते आते"

ज़िंदगी का लम्हा बहुत छोटा सा है...
कल की कोई बुनियाद नहीं है और आने वाला कलसिर्फ सपने में ही है..

अब बच गए इस पल में..
तमन्नाओं से भर इस जिंदगी में हम सिर्फ भाग रहे हैं. कुछ रफ़्तार धीमी करो, मेरे दोस्त,
और
इस ज़िंदगी को जियो..
खूब जियो मेरे दोस्त..... ।।

Thursday 8 January 2015

हँसो बिंदास

शहर के सबसे बड़े बैंक में एक बार एक बुढ़िया आई।
उसने मैनेजर से कहा :- "मुझे इस बैंक में कुछ रुपये जमा करने हैं"

मैनेजर ने पूछा :- कितने हैं ?
वृद्धा बोली :- होंगे कोई दस लाख ।

मैनेजर बोला :- वाह क्या बात है, आपके पास तो काफ़ी पैसा है, आप करती क्या हैं ?
वृद्धा बोली :- कुछ खास नहीं, बस शर्तें लगाती हूँ ।

मैनेजर बोला :- शर्त लगा-लगा कर आपने इतना सारा पैसा कमाया है ? कमाल है...
वृद्धा बोली :- कमाल कुछ नहीं है, बेटा, मैं अभी एक लाख रुपये की शर्त लगा सकती हूँ कि तुमने अपने सिर पर विग लगा रखा है ।

मैनेजर हँसते हुए बोला :- नहीं माताजी, मैं तो अभी जवान हूँ और विग नहीं लगाता ।
तो शर्त क्यों नहीं लगाते ? वृद्धा बोली ।

मैनेजर ने सोचा यह पागल बुढ़िया खामख्वाह ही एक लाख रुपये गँवाने पर तुली है, तो क्यों न मैं इसका फ़ायदा उठाऊँ... मुझे तो मालूम ही है कि मैं विग नहीं लगाता ।
मैनेजर एक लाख की शर्त लगाने को तैयार हो गया ।

वृद्धा बोली :- चूँकि मामला एक लाख रुपये का है, इसलिये मैं कल सुबह ठीक दस बजे अपने वकील के साथ आऊँगी और उसी के सामने शर्त का फ़ैसला होगा ।

मैनेजर ने कहा :- ठीक है, बात पक्की...
मैनेजर को रात भर नींद नहीं आई.. वह एक लाख रुपये और बुढ़िया के बारे में सोचता रहा ।

अगली सुबह ठीक दस बजे वह बुढ़िया अपने वकील के साथ मैनेजर के केबिन में पहुँची और कहा :- क्या आप तैयार हैं ?
मैनेजर ने कहा :- बिलकुल, क्यों नहीं ?

वृद्धा बोली :- लेकिन चूँकि वकील साहब भी यहाँ मौजूद हैं और बात एक लाख की है, अतः मैं तसल्ली करना चाहती हूँ कि सचमुच आप विग नहीं लगाते, इसलिये मैं अपने हाथों से आपके बाल नोचकर देखूँगी। मैनेजर ने पल भर सोचा और हाँ कर दी, आखिर मामला एक लाख का था।

वृद्धा मैनेजर के नजदीक आई और धीर-धीरे आराम से मैनेजर के बाल नोचने लगी। उसी वक्त अचानक पता नहीं क्या हुआ, वकील साहब अपना माथा दीवार पर ठोंकने लगे ।

मैनेजर ने कहा :- अरे.. अरे.. वकील साहब को क्या हुआ ?
वृद्धा बोली :- कुछ नहीं, इन्हें सदमा लगा है, मैंने इनसे पाँच लाख रुपये की शर्त लगाई थी कि आज सुबह दस बजे मैं शहर के सबसे बड़े बैंक के मैनेजर के बाल नोचकर दिखा दूँगी।

Wednesday 7 January 2015

Hasna jaruri h

👻👻👻👻👻👻👻👻👻👻

एक बार एक मुक्कदमे में ताई गवाह बणा दी गई।
ताई जा कर खड़ी होई,
दोनो वकील भी ताई के गाँव के ही थे !

1 वकील बोला " ताई तू मन्ने जाने है ?
ताई बोली :- हाँ भाई तू रामफूल का है ना...
तेरा बापु घणा सूधा आदमी था
पर तू निक्कमा एक नम्बर का झूठा
एर झूठ, बोल बोल कर के तूं लोग ने ठगै है।

" झूठे गवाह " बना कर के तू केस जीते से ।
तेरे से तो सारे लोग परेशान है, तेरी लुगाई भी परेशान हो कर के तन्ने छोड़ गै भाज गी

वकील बेचारा चुप हो कर के उसने सोचा
तेरी तो बेज्जती हो गई अब  दुसरे की और करा

उस वकील ने थोडी देर में
दूसरे वकील की तरफ इशारा कर के
पुछा :- " ताई "  तू इसने जाणे से के ..?

ताई बोली :-" हाँ " यो फुलीयो काणे का छोरा से इसके बापु ने निरे रपिये खर्च करके इने पढाया पर इसने 'आंक ' नही सीखा सारी उमर छोरिया क पीछै हांडे गया. इसका चक्कर तेरी बहू से भी था !

              (  कोर्ट में जनता हांसन लाग गी  )

               जज बोला :- "आर्डर आर्डर "
                 और दोनो वकील बुलाये

    जज बोला :- अगर तुम दोनो वकीलो मे से
      किसी ने भी इस ताई से यो पुछा के

               " इस जज न जाणे से "
         तो मैं थारे गोली मरवा दूँगा । ..😡

        🔫 💣 🔫 💣 🔫 💣 🔫 😳

Tuesday 6 January 2015

जरा सावधान पढ़ें और अपने राय दे।

Media ने कभी ये बताया ??
Nestle कंपनी खुद मानती है कि वे अपनी चाकलेट kitkat मे
बछड़े के मांस
का रस
मिलाती है
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Media ने कभी ये बताया ???
की मद्रास high cout मे fair and lovely कंपनी पर जब case
किया गया था ! तब कंपनी ने खुद माना था ! हम cream मे
सूअर
की चर्बी का तेल मिलाते है !!
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Media ने कभी बताया कि
ये vicks नाम कि दवा यूरोप के कितने देशो मे ban है ! वहाँ इसे
जहर
घोषित किया गया है !पर भारत मे सारा दिन tv पर
इसका विज्ञापन
आता है !!
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Media ने कभी बताया ??
कि life bouy न bath soap है न toilet soap ! ये
जानवरो को नहलाने
वाला cabolic soap है !
यूरोप मे life bouy से कुत्ते है !और भारत मे 9 करोड़ लोग इससे
रगड़ रगड़
कर नहाते हैं !!
_______________________

media ने कभी बताया ! ???????????
की ये coke pepsi सच मे toilet cleaner है ! और ये साबित
हो गया है
इसमे 21 तरह के अलग अलग जहर है ! और तो और संसद की कंटीन
मे
coke pepsi बेचना ban है ! पर पूरे देश मे बिक रही है !!
____________________
Media ने कभी बताया ????
कि ये healt tonic बेचने
वाली विदेशी कंपनिया boost ,complan ,horlics,maltov
a ,protinx ,
इन सबका delhi के all india institute (जहां भारत की सबसे
बड़ी लैब
है ) वहाँ इन सबका test किया गया ! और पता लगा ये सिर्फ
मुगफली के
खली से बनते है ! मतलब मूँगफली का तेल निकालने के बाद
जो उसका waste बचता है !जिसे गाँव मे जानवर खाते है ! उससे
ये health
tonic बनाते है !!
__________________________

media ने कभी बताया ??????
अमिताभ बच्चन का जब आपरेशन हुआ था और 10 घंटे चला था !
तब
डाक्टर ने उसकी बड़ी आंत काटकर निकली थी !! और डाक्टर
मे कहा था ये
coke pepsi पीने के कारण सड़ी है ! और अगले ही दिन से
अमिताभ बच्चन
ने इसका विज्ञापन करना बंद कर दिया था और आजतक coke
pepsi
का विज्ञापन नहीं करता नहीं करता !
__________________________________

Media अगर ईमानदार है !
तो सबका सच एकसाथ दिखाये !!

🔨🔨🔨🔨🔨🔨🔨🔨🔨🔨🔨

आजकल बहुत से लोग हैं
जिन्हें "पिज्जा"
खाने में बड़ा मज़ा आता है .

चलिये पिज्जा पर एक नज़र डालें >>
पिज्जा बेचनेवाली कंपनियाँ

"Pizza Hut, Dominos,
KFC, McDonalds,
Pizza Corner,
Papa John’s Pizza,
California Pizza Kitchen,
Sal’s Pizza"

ये सब कम्पनियॉ अमेरिका की है
आप चाहे तो
Wikipedia पे देख सकते हो.

Note:- पिज्जा मे टेस्ट लाने के लिये
E-631 flavor Enhancer
नाम का तत्व मिलाया जाता है

वो सुअर के मॉस से बनता है
आप चाहो तो Google पे देख लो.

Sahi lage to is msg ko
aage failaye.

● सावधान मित्रों अगर खाने पीने
कि चीजों के पैकेटो पर निम्न कोड
लिखे है तो उसमें ये चीजें मिली हुई है.

E 322 - गाये का मास
E 422 - एल्कोहोल तत्व
E 442 - एल्कोहोल तत्व ओर कमिकल
E 471 - गाय 🐄का मास ओर एल्कोहोल तत्व
E 476 - एल्कोहोल तत्व
E 481 - गाय ओर सुर के मास🐖 ए संगटक
E 627 - घातक केमिकल
E 472 - गाय + सुर + बकरी 🐄+🐂+🐖+🐐 के मिक्स मास के संगटक
E 631 - सुर कि चर्बी का तेल

● नोट -
ये सभी कोड आपको ज्यादातर
विदेशी कम्पनी जैेसे :-
चिप्स , बिस्कुट , च्युंगम,
टॉफी ,कुरकुरे ओर मैगी
आदि में दिखेगे l

● ध्यान दे ये अफवह नही
बिलकुल सच है अगर यकीन नही
हो तो इंन्टरनेट गुगल पर सर्च कर लो.

● मैगी के पैक पे ingredient में देखें , flavor (E-635 ) लिखा मिलेगा.

● आप चाहे तो google पर देख
सकते है इन सब नम्बर्स को:-

E100, E110, E120, E140, E141, E153, E210, E213, E214, E216, E234, E252, E270, E280, E325, E326, E327, E334, E335, E336, E337, E422, E430, E431, E432, E433, E434, E435, E436, E440, E470, E471, E472, E473, E474, E475, E476, E477, E478, E481, E482, E483, E491, E492, E493, E494, E495, E542, E570, E572, E631, E635, E904.

आप सबसे निवेदन है की
चुटकले भेजने की बजाय यह
सन्देश सबको भेजे ताकि लोग
जान सके ।